Barhi Live : Rakesh Roshan
इकॉनमिक स्लोडाउन के लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह मैन मेड क्राइसिस है, जो कुप्रबंधन के चलते पैदा हुआ है। अर्थशास्त्र के जानकार मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछली तिमाही की जीडीपी ग्रोथ 5 पर्सेंट रही है।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने देश की जीडीपी ग्रोथ में आई गिरावट को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इकॉनमिक स्लोडाउन के लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह मैन मेड क्राइसिस है, जो कुप्रबंधन के चलते पैदा हुआ है। अर्थशास्त्र के जानकार मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछली तिमाही की जीडीपी ग्रोथ 5 पर्सेंट रही है। इससे पता चलता है कि देश लंबे स्लोडाउन के दौर में है। भारत के पास ज्यादा तेज गति से ग्रोथ की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन से हालात बिगड़े हैं।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की कमजोर ग्रोथ पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि यह महज 0.6 पर्सेंट रह गई है। इससे स्पष्ट है कि हमारी इकॉनमी अब तक नोटबंदी जैसी मानवजनित गलतियों से उबर नहीं सकी है। इसके अलावा गलत तरीके से लागू जीएसटी से भी इकॉनमी की हालत खराब हुई है।
पूर्व पीएम ने कहा, ‘घरेलू मांग और उपभोग में ग्रोथ 18 महीने के निचले स्तर पर है। जीडीपी ग्रोथ भी 15 साल में सबसे कम है। इसके अलावा टैक्स रेवेन्यू में भी कमी है। छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों तक में टैक्स टेररिज्म का खौफ है।’ इन्वेस्टर्स में भी आशंका का माहौल है और ऐसे संकेतों से पता चलता है कि इकॉनमी की रिकवरी अभी संभव नहीं है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में छिनीं 3.5 लाख नौकरियां
पीएम मोदी सरकार पर जॉबलेस ग्रोथ को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए पूर्व पीएम ने दावा किया कि अकेले ऑटोमोबाइल सेक्टर में ही 3.5 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं। इसके अलावा असंगठित क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर नौकरियां गई हैं, जिससे कमजोर तबके के मजदूरों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
किसानों को नहीं मिल रहे पूरे दाम, घट रही आमदनी
उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत में स्थिति विपरीत है। किसानों को उनकी फसलों का पूरा दाम नहीं मिल रहा है और आय में लगातार गिरावट आ रही है। मोदी सरकार कम महंगाई दर को अपनी सफलता बता रही है, लेकिन यह किसानों की कीमत पर है, जो कि देश की आबादी का 50 फीसदी हिस्सा हैं।